Bharatpur News / राजेन्द्र शर्मा जती । राजस्थान की राजनीती में 35 साल पहले उथलपुथल मचा देने बाले बहुचर्चित रहे राजा मानसिंह हत्याकांड के मामले में मंगलवार 21 जुलाई को फैसला आने की है उम्मीद। मुकदमे की सुनवाई कर रही मथुरा की अदालत की तरफ से फैसले की है उम्मीद। मामले में अब तक पड़ चुकी है 1700 से ज्यादा तारीखें 8 बार हो चुकी है फाइनल बहस भी।
राजा मानसिंह की बेटी एवं राजस्थान की पूर्व पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा के आग्रह पर मामला ट्रांसफर कर दिया गया था उत्तर प्रदेश की मथुरा न्यायालय में। 20 फरवरी 1985 को विधानसभा चुनाव के दौरान डीग किले से राजपरिवार के ध्वज हटाने को लेकर हो गया था विवाद। राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की डीग में जनसभा के दौरान कांग्रेस समर्थकों ने राजा मानसिंह के झंडे को हटाकर लगा दिया था कांग्रेस का झंडा जो नागवार गुजरा राजा मानसिंह को और उन्होंने डीग के बाजार में लगे शिवचरण माथुर के सभा मंच को तोड़ने के साथ हायर सैकंडरी स्कूल में खड़े माथुर के हैलीकॉप्टर को भी जोंगा से टक्कर मारकर कर दिया था क्षतिग्रस्त। बाद में पुलिस फायरिंग में राजा मानसिंह सुमेरसिंह और हरिसिंह को लगी थी गोली जिससे तीनो की हो गई थी मौत।
मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने पर सीबीआई ने पुलिस के तत्कालीन उपाधीक्षक कानसिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्रसिंह सहित एसआई रविशेखर मिश्रा, सुखराम, जीवनराम, हरीसिंह, शेरसिंह, छत्तरसिंह, पदमाराम, जगमोहन, हरिकिशन, गोविंद प्रसाद, नेकीराम, सीताराम और कुलदीप को आरोपी बना अदालत में पेश की चार्जशीट।