जहाजपुर(आज़ाद नेब) अवैध बजरी खनन व परिवहन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हैं, वहीं कोविड-19 के चलतें राज्य सरकार की गाईडलाईन के मुताबिक़ जिला प्रशासन ने रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगा रखा है।
बजरी माफियाओं को ना सुप्रीम कोर्ट और ना ही सरकार के आदेशों परवाह है बेखौफ खुलेआम आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं। अपने साधनों को बनास नदी में भरने व परिवहन करने के दौरान टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर से बनास नदी से लेकर सरसिया चौराहे तक पुलिस, माईनिंग, प्रेस व प्रशासनिक अधिकारियों की रेकी करते नजर आते है, जिनको रोकने टोकने वाला कोई नजर नहीं आता। हां अलबत्ता पुलिस रोड़ पर चलने वाले बड़े वाहनों को रोककर पूछताछ करती जरूर दिखाई देती है ओर करना भी वाजिब है बस पूछताछ केवल बजरी माफियाओं से नहीं होती उन्हें शायद छूट मिली है।
बजरी माफिया संतोष नगर, अस्पताल, बस स्टैंड, चावंडिया चौराहा, हनुमान गेट, नागदी बांध, सरसिया चौराहे से लेकर शाहपुरा रोड़ पर स्थिति होटलों एवं बनास नदी के इस पार व उस पार साथ ही देवली रोड़ पर स्थिति पैट्रोल पम्प तक पूरी रात बैठे रहते है। इनके अलावा भी माफिया अधिकारियों की लॉकेशन लेने के लिए फोर व्हीलर वे टू व्हीलर का भी इस्तेमाल करते हैं जिनको रोकने और टोकने वाला कोई नहीं होता है बेखौफ बेधड़क वह इधर-उधर घूमते रहते हैं।
तकरीबन 20 से 25 अवैध बजरी के वाहन चावंडिया चौराहा जहां CCTV कैमरे लगे हैं उनके दायरें से होकर जब पुलिस गस्त करके निकलने के बाद गुजरते हैं।
लगातार अवैध बजरी की मिडिया मे चल रही खबरों को प्रशासन गंभीरता से नहीं लेने के कारण माफियाओं के होसलें बुलंद हैं। अनवरत अवैध बजरी का कारोबार फलफूल रहा है। अवैध बजरी बेच माफिया चांदी कूट रहे हैं।