Jaipur news । राजस्थान मे कांग्रेस का अंतर कलह और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व डिप्टी सी एम सचिन पायलट की आपसी खींचातान तथा विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर चल रहे सियासी ड्रामे कौन जितेगा-कौन हारेगा यह कहना मुश्किल है लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ अपनाए जा रहै दाव-पेच ,शह और मात के इस खेल मे बाजी बराबर रहेगी लेकिन कांग्रेस जरूर कमजोर होगी ।
राजस्थान मे कांग्रेस के सत्ता मे आने के साथ से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शुरू हुआ घमासान डेढ साल तक वाकयुद्ध के बाद एक बार फिर जादूगर गहलोत और पायलट मैदान मे आ गए है । राज्यसभा चुनाव से पहले जली रह चिंनगारी अब शोला बनने के कगार पर पहुंच गई है । इस लडाई मे भाजपा को सारथी की भूमिका दी जा रही है ।।
सीमाएं सील फिर भी 24 विधायक निकल लिए
विधायकों की बाडेबंदी रोकने और सरचार को अस्थिर करने की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल अचानक आदेश जारी करवा प्रदेश की सीमाएं सील करवा दी । सीमाओ पर चौकसी बडा दी प्रदेश से बाहर जाने के लिए अनुमति(पास) जरूरी कर दिया लेकिन इन सबके बाद भी राजस्थान से 24 विधायक गुडगाँव( मानेसर) होटलो मे पहुंच गए मोबाइल फंद हो गए । यह आधिकांश विधायक सचिन खेमे के है । सवाल रह की सीमाएं सील
न तुम जीतेगो न मे हारूंगा
जादूगर के नाम से प्रसिद्ध और अनुभवी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रणनीति बनाई और दाव चला की सचिन पायलट को भाजपा की बैसाखियों के सहारे सत्ता और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें ताकी फिर उनका प्रतिद्वंदी कोई न हो और न दबाव हो और कोई हस्तक्षेप लेकिन युवा जरूर है परंतु सचिन भी कोई राजनीति के कच्चे खिलाडी नही वह न कांग्रेस छोडेंगे और न ही सत्ता । सत्ता और पार्टी मे रहकर ही गहलोत की नाक मे दम करते रहेंगे ।
सियासी ड्रामे का क्या होगा
इस पूरे सियासी ड्रामे का नतीजा बराबर का होगा राजस्थान मे न तो कांग्रेस की सरकार अस्थिर होगी और न ही सचिन बाहर । बल्कि गहलोत का दाव खाली जाएगा और सचिन पायलट अपना राजनैतिक कद व पाॅवर और बढा ले तो इसमे कोई अतिशयोक्ति नहीं ।
राजस्थान मे मौजूदा समीकरण
200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें 13 बसपा सहित निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है। आरएलडी के एक विधायक सुभाष गर्ग भी सरकार के साथ हैं जो गहलोत कैबिनेट में मंत्री हैं। इस तरह गहलोत सरकार को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। दूसरी तरफ भाजपा के 72 विधायक हैं। सचिन के साथ 24 विधायक जाते है तो आकंडा 97 पर आता है जो बहुमत से 4 कम है ।