Bhilwara News । धार्मिक स्थलों को आमजन के लिये खोलने की अनुशंषा हेतु जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को जिला कलेट्रटे सभागार में हुई। बैठक में सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से धार्मिक स्थल खोलने की अवधि 15 दिन और बढाई जाने का निर्णय लिया। जिला स्तरीय कमेटी इस निर्णय की अनुशंषा राज्य सरकार को शीघ्र भेजेगी।
बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर, एडीएम राकेश कुमार व एन.के. राजोरा, एमजी अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अरुण गौड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मुश्ताक खान, रामनिवास धाम शाहपुरा ट्रस्ट, सिंधुनगर गुरुद्वारा कमेटी के इन्द्रपाल सिंह, मुस्लिम धर्म से मौलाना हफीजुर्रहमान, मोहम्मद अशरफ जिलानी अजहरी, धनोप माता मंदिर के सत्येन्द्र सिंह राणावत, हरिशेवाधाम के गोविन्द राम, क्रिश्चियन सेवा समिति के गुडविन मसीह व फादर पी माईकल, सवाईभोज मंदिर के महन्त सुरेश दास आदि उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि 30 जून के पश्चात् धर्मस्थलों को खोलने का निर्णय करने हेतु सभी जिलों में कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। सभी जिलों की कमेटियों की अनुशंषा के आधार पर राज्य सरकार आगे का निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिये आवश्यक कदम उठाया जाना अति आवश्यक है। इसके लिये धर्मस्थल प्रबंधक कमेटियां अथवा ट्रस्ट प्रत्येक धर्मस्थल की अलग-अलग योजना तैयार करें एवं इसकी विस्तृत जानकारी 29 जून तक प्रशासन को दें।
यदि राज्य सरकार एक जुलाई से धर्मस्थलों को खोलने की छूट देती है तो इस कार्य योजना से धर्मस्थलों पर संक्रमण से बचाव में आसानी रहेगी। इसके तहत मास्क पहने बिना धर्म स्थल में प्रवेश न देने, लगातार सफाई व्यवस्था रखने, प्रवेश पूर्व केमीकल रहित सेनेटाईजेशन की व्यवस्था रखने, सोशल डिस्टेन्स बनाये रखने जैसी व्यवस्थाएं की जा सकती है। नियमों की पालना सुनिश्चित करना धर्मस्थल की प्रबंधक कमेटी अथवा ट्रस्ट की रहेगी। उल्लंघन होने पर कमेटी अथवा ट्रस्ट अपनी ओर से दण्ड की व्यवस्था करें ताकि प्रशासन को कम से कम दखल देना पडे।
जिला पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर ने कहा कि जिले की लगभग 28 लाख आबादी को बचाकर रखने की जिम्मेदारी हम सब की है। राज्य सरकार भी इस बारे में संवेदनशील है। हमें भी संवेदनशील होकर ऐसे निर्णय लेने हैं जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम मिल सके। बैठक में सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपनी अपनी बात रखी एवं प्रशासन के नजरिये से अपनी सहमति जताते हुए धर्मस्थलों को एक से 15 जुलाई तक भी नहीं खोलने का फैसला किया।