Bhilwara news । जिले मे मानरेगा बांधो और नहरो के लिए मानो संजीवनी बनी हुई है । सामान्यत बांध जल संरक्षण करने में सबसे महत्तपुर्ण संरचना है । जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार किये गये विभिन्न बांधो की मरम्मत व बांधों पर वृक्षारोपण का कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजना से किया जा रहा है ।
जिले में महत्तवपूर्ण बांध जिनमें मेजा बांध ,गोवटा बांध ,ओराई बांध ,लड़की बांध पर कार्यकारी संस्था जल संसाधन विभाग के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत बांधो की मरम्मत ,सुद्ढीकरण ,वृक्षारोपण कार्यो के साथ साथ बांधों की नहरों का निर्माण ,मरम्मत व सिल्ट क्लीयरेन्स के कार्य करवाये जा रहे है ।
जिला परिषद के सीईओ ( मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालाराम बिरडा ने यह जानकारी देते हुए बताया की दैनिक रिर्पोटर डाॅट काॅम को बातचीत मे बताया की महात्मा गांधी नरेगा योजना से बांधों की मरम्मत व नहरों के साथ विभिन्न ग्राम पंचायतों में निर्मित तालाबों से भी नहरों निकालने का कार्य किया जा रहा है ।
सीईओ बिरडा ने बताया की राजस्थान राज्य में सिंचाई के लिए अगर देखा जाये तो भीलवाड़ा जिला तालााबों से सर्वाधिक सिंचाई के लिए जाना जाता है । जिलें की हर पंचायत में लगभग छोटे व बडे तालाब उपलब्ध है जो न केवल जल संग्रहण संरचना के रूप में उपयोग लिए जा रहे है अपितु तालाबों से नहरे निकाल कर आस पास के खेतों के लिए सिंचाई कार्य को भी किया जा रहा है। तालाबों से नहरों व धोरों के निर्माण का कार्य कार्यकारी ऐजेन्सी ग्राम पंचायत द्वारा करवाये जा रहे है ।
पंचायत समिति आसीन्द की ग्राम पंचायत कटार में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत बाकडिया तालाब की नहर व पुलिया निर्माण कार्य किया गया । बाकडिया तालाब से 300 फीट की लम्बाई तक इस नहर का निर्माण कार्य किया गया है । इस नहर के निर्माण से बाकडिया तालाब से नीचे की और लगभग 2 किलोमीटर में खेतो में सिंचाई हो रही है ।
इस नहरे के निर्माण से 50से 60 किसान परिवार लाभान्वित हुए है । विभिन्न वर्गो के किसानों के खेतों में इस नहर के पानी से सिंचाई हो रही है। नहर से लाभान्वित होने वाले किसान मांगी लाल बलाई का कहना है कि नहर निर्माण से उनकी दोनो फसलों में रबी व खरीफ में सिंचाई हो पा रही है। कार्तिक ,माघषीर्ष व फाल्गुन माह में नहरों के द्वारा 4 से 5 बार खेत में पिलाई हो जाती है। जिससे रबी व खरीफ दोनों ही फसलों में इजाफा हुआ हे। बारीष की देरी के समय ये नहरें सुखती फसलों के लिए संजीवनी बूटी की तरह फसलों को नई जान डाल देती है ।
पंचायत समिति आसीन्द की ग्राम पंचायत दांतडा में जेठु नाथ के खेत से छोगा जाट के खेत तक महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत धोरा निर्माण कार्य किया गया है । किसान जेठु नाथ के अनुसार पूर्व में धोरा कच्चा होने से बिच में टूट जाता था जिससे पानी व्यर्थ होता था और खेत रीते ही रह जाते थे योजनान्तर्गत किये गये।
नहर निर्माण कार्य से टूट फूट नही होती पानी खेतो तक पंहूच रहा है । इस नहर डेढ किलोमिटर क्षेत्र मे बनाई गई है जिससे आस पास के 30 हैक्टयर में सिंचाई हो रही है तथा आस पास के खेतो मे नवम्बर से फरवरी तक 2 से 3 बार पिलाई हो रही है।