Bhilwara news । कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर भारत में संपूर्ण लाॅकडाउन के चार फेज में दिहाडी मजदूरी करने वाले श्रमिक वर्ग पूरे देशभर में अपने मूल गांव को रोजगार के अभाव में छोडकर चले आये। ऐसी स्थिति में उनके सामने रोजगार का संकट आ खडा हुआ है। लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण क्षेत्रा में एक वरदान बनी एवं लोगों को तुरन्त रोजगार मुहैय्या होने लगा है। इस संदर्भ में राज्य में भीलवाडा एक ऐसा जिला है जहां शुक्रवार को 4 लाख 2 हजार 981 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। ऐसा मनरेगा के इतिहास का यह स्वर्णिम दिन भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं है और दिनोंदिन रोजगार की मांग आ रही है।
मनरेगा योजना को लेकर जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कलक्टर राजेन्द्र भट्ट ने बताया कि जिले में बाहर से आने वाले श्रमिकों के सामने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिये यह योजना एक वारदान साबित हो रही है जिसके माध्यम से उनके ही गांव में रोजगार का यह सुगम समाधान कर रहा है। इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के स्थायी महत्व के कार्यो का सृजन किया जा रहा है। जिले में 4 लाख 2 हजार 981 श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैंजिन पर 6613 मस्टरोल स्वीकृत किये गये हैं तथा 94 हजार 876 बिना यूआईडी सेे रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरडा ने बताया कि जिले में मनरेगा योजनान्तर्गत बिजौलियां ब्लाॅक में 17 हजार 27, रायपुर ब्लाॅक में 22 हजार 762, हुरडा ब्लाॅक में 23 हजार 142, माण्डलगढ ब्लाॅक में 26 हजार 872, कोटडी ब्लाॅक में27 हजार 729, सहाडा ब्लाॅक में 28 हजार 314, बनेडा ब्लाॅक में 21 हजार 407, सुवाणा ब्लाॅक में 32 हजार 609, शाहपुरा ब्लाूक में 41 हजार 866, जहाजपुर ब्लाॅक में 44 हजार 544, माण्डल ब्लाॅक में 49 हजार 372 एवं आसीन्द ब्लाॅक में 57 हजार 337 श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजनान्तर्गत एक सौ दिवस के कार्य की मजदूरी के साथ ही ग्रामीणों की स्थाई आजीविका का आधार तैयार हो सके इसके लिए योजनान्तर्गत व्यक्तिगत लाभार्थियों के खेतों में भूमि सुधार व बागवानी के कार्य मनरेगा अन्तर्गत करवाये जा रहे है। योजनान्तर्गत व्यक्तिगत लाभ के कार्यो के तहत पात्रा परिवारों को जमीन के आधार पर समतलीकरण ,तालाब की मिट्टी डालना ,मेडबन्दी, टांका व धोरा निर्माण, थोर फैंसिग व फलदार पौधारोपण आदि के कार्य करवाये जा रहे है । व्यक्तिगत लाभ के कार्यो पर लाभार्थी स्वयं अपने परिवारजनों के साथ अपने खेत में कार्य करके मजदूरी के साथ अपने खेतो के सुधार का कार्य कर सकता है ।