जयपुर।
सीएम अशोक गहलोत के कैबिनेट को लेकर जयपुर से दिल्ली तक सियासत गरमा गई है मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले नेताओं के नामों को अंतिम रूप देने के लिए जहां गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं वहीं, कांग्रेस विधायकों ने भी दिल्ली में डेरा डालते हुए लॉबिंग शुरू कर दी है जिनमें से प्रमुख रूप से 9 विधायकों ने तो पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ मुलाकात करते हुए अपना दावा भी जता दिया है।
कांग्रेस सरकार में गहलोत के मंत्रिपरिषद को पार्टी के हाईकमान राहुल गांधी इस बार अंतिम रूप देंगे पायलट के बाद गहलोत भी गुरुवार रात को दिल्ली पहुंच गए हैं दोनों नेता राहुल गांधी से मुलाकात करते हुए मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले नेताओं के नाम पर चर्चा करेंगे साथ ही उसके आधार भी बताएंगे जिसके बाद राहुल गांधी मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले नेताओं के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे वहीं, दिल्ली में मंत्रिपरिषद को लेकर सियासी कवायद शुरू होने के साथ ही कांग्रेस के कई प्रमुख नेता भी पहुंच गए हैं साथ ही डेरा डाल लिया है
जिनमें प्रमुख रूप से पार्टी के वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला, प्रमोद जैन भाया, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, नरेंद्र बुडानिया, महेश जोशी, जगदीश शर्मा, गोपाल मीणा, प्रशांत बैरवा, अर्जुन बामाणिया आदि शामिल हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं ने दिल्ली में राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, वेणुगोपाल, प्रभारी सचिव विवेक बंसल और देवेंद्र यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि विधायकों ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करते हुए मंत्री पद को लेकर लॉबिंग भी शुरू कर दिया है. इन विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बाद से सियासी पारा चढ़ गया है मंत्री पद के लिए दावेदारी जता रहे दूसरे नेता भी एक्टिव हो गए हैं. आपको बता दें कि चुनाव में जीत मिलने के बाद गठित हुई कांग्रेस सरकार के साथ ही ‘पावर’ का खेल भी खुलकर सामने आने लगा। पहले सीएम के पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच चली सियासी खींचतान के बाद दो दिन की कड़ी मशक्कत के बीच दिल्ली हाईकमान राहुल गांधी नतीजे पर पहुंचे थे.
सीएम के पद को लेकर जारी खींचतान के बीच गहलोत को सियासी जीत मिलने के बाद अब मंत्रिपरिषद पर भी अंतिम निर्णय राहुल गांधी के दरबार में ही होनी है. ऐसे में दिल्ली पहुंचे गहलोत और पायलट राहुल गांधी से मुलाकात करते हुए मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले नेताओं पर अपनी राय रखेंगे. जिसके बाद राहुल मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले नेताओं के नाम पर अंतिम निर्णय करेंगे.
राजनीति के जानकारों का कहना है कि सरकार बनने के साथ ही मंत्रिपरिषद के मामले में गहलोत और पायलट खेमा पूरी तरह से एक्टिव है। सत्ता में पावर का कंट्रोल ज्यादा से ज्यादा अपने हाथ में रखने की चाह में दोनों खेमे मंत्रिपरिषद में खास-खास पदों को या तो खुद अपने हाथ में रखना चाहता है या फिर उस जगह अपने खास नेताओं को बिठाना चाहता है।