जयपुर। बीजेपी में आपराधिक अतीत वाले दावेदारों पर घमासान छिड गया है। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले करीब आधा दर्जन दावेदारों पर आपत्ति जताई गई है। इनमें हनुमानगढ़ के भादरा से एक हिस्ट्रीशीटर की दावेदारी पर विरोध किया गया है। यहां दुष्कर्म और हत्या जैसे आरोपों में नामजद रहे एक जातीय नेता की दावेदारी का विरोध जताया गया है।
यह नेता आनंदपाल प्रकरण से लेकर अब तक कई मामलों में बीजेपी के खिलाफ आंदोलन चलाता रहा है। झालावाड़ के अकलेरा से टिकिट के एक प्रमुख दावेदार पर भी ऐतराज जताया जा रहा है। इस प्रबल दावेदार पर भी गंभीर किस्म के अपराध के दो दर्जन मामले चल रहे हैं वहीं झुंझुनू सीट पर भी दावेदारी ठोक रहे एक हिस्ट्रीशीटर के नाम पर भी मतभेद उभरा है। जातीय गणित के लिहाज से मजबूत इस दावेदार पर भी अपराध के कई संगीन आरोप हैं।
अपराधियों को बाहर रखने की पैरवी इसके अलावा मारवाड़ में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से भी एक अपराधी को टिकिट देने पर विवाद उभरा है। खुद को संघ का करीबी बताने वाले इस दावेदार पर हत्या और जेल से फरार होने जैसे गंभीर आरोप हैं। रामसर थाने के हिस्ट्रीशीटर रहे इस दावेदार पर शराब तस्करी के कई मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में संघ ने आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे लोगों को राजनीति से बाहर रखने के लिए यह कदम उठाया है।