जयपुर। राजस्थान में जीका वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ रही है माना जा रहा है कि ये वायरस देश के कई और हिस्सों में लोगों को संक्रमित कर चुका है।
ये वायरस आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को संक्रमित करता है पिछले दो तीन सालों में इसके अफ्रीका में व्यापक तौर पर फैलने की खबरें आईं थीं। 86 देशों में इसके होने की पुष्टि हो चुकी है भारत में पिछले साल जनवरी और फरवरी में पहली बार इसके अहमदाबाद में होने की बात पता चली थी।
जीका वायरस के बचाव के लिए कोई कारगर टीका नहीं बना है लेकिन छोटे मोटे एेहतियात के जरिए इससे बचाव किया जा सकता है
ये वायरस आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को संक्रमित करता है पिछले दो तीन सालों में इसके अफ्रीका में व्यापक तौर पर फैलने की खबरें आईं थीं। 86 देशों में इसके होने की पुष्टि हो चुकी है भारत में पिछले साल जनवरी और फरवरी में पहली बार इसके अहमदाबाद में होने की बात पता चली थी।
जीका वायरस के बचाव के लिए कोई कारगर टीका नहीं बना है लेकिन छोटे मोटे एेहतियात के जरिए इससे बचाव किया जा सकता है
जीका वायरस
जीका वायरस फ्लाविविरिडए वायरस फैमिली से है ये मच्छरों से ही फैलता है ये वायरस दिन में ज्यादा सक्रिय रहता है खासकर गर्भावस्था में महिलाएं इससे ज्यादा संक्रमित हो सकती हैं।
खतरे
इससे प्रभावित बच्चे का जन्म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है ये गर्भावस्था के दौरान वायरस के संक्रमण से होता है इसमें शिशु दोष के साथ पैदा हो सकता है नवजात का सिर छोटा हो सकता है उसके ब्रेन डैमेज की ज्यादा आशंका होती है साथ ही जन्मजात तौर पर अंधापन, बहरापन, दौरे और अन्य तरह के दोष दे सकता है।
ग्यूलेन-बैरे सिंड्रोम शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और इसके चलते लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं। हालांकि ये स्थिति स्थायी नहीं होती युवा लोग इसका शिकार बन सकते हैं ये न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं भी दे सकता है।
लक्षण
बुखार
जोड़ों का दर्द
शरीर पर लाल चकत्ते
थकान
सिर दर्द
आंखों का लाल होना यानि जो लक्षण डेंगू और वायरल के हैं, वही इस बीमारी के भी हो सकते हैं।
ये एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से ही फैलता है. ये मच्छर दिन में ही काटते हैं खासकर सुबह जल्दी, दोपहर बाद और शाम को। ये खून चढाने और शारीरिक संबंधो से भी फैलता है और आदमी की यौन क्षमताओं को समाप्त कर सकता है।
पहली बार इसका पता 1947 में चला ये अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है ये 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मैक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुंच गया।
इसका टेस्ट किस तरह हो सकता है
– खून, मूत्र और लार से इसका टेस्ट हो सकता है
बचाव
मच्छरों के काटने से बचें
शरीर का अधिकतम हिस्सा ढंक कर रखें
मच्छरदानी का प्रयोग करें
मच्छर पुनर्जनन रोकने के लिए ठहरे पानी को इकट्ठा नहीं होने दें
स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
क्या इसका कोई कारगर टीका है
अब तक इसका कोई कारगर टीका नहीं है, हालांकि इसका कोई खास उपचार नहीं है, तब भी पैरासीटामॉल (एसिटामिनोफेन) मददगार हो सकती है
गर्भवती महिलाओं को बचाव कैसे करें
ब्राजील के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 2015 में प्रकोप से दंपत्तियों को गर्भधारण से बचने की सलाह दी थी और गर्भवती महिलाओं को उन इलाकों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जहां प्रकोप फैला हो