बोंली (राजेश मीना)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाओं के लाभार्थियों और ठेट गांव-ढाणी में नियुक्त एएनएम, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आॅनलाइन संवाद किया। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शिशु के जन्म से एक हजार दिन तक यानी जब तक वह तीन साल का नहीं हो जाए तब तक उसे संपूर्ण टीकाकरण के साथ-साथ सभी प्रकार के पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए।
देश का बचपन शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से मजबूत होगा तभी भारत विश्वभर में सुदृढ़ बनेगा। हमारे देश का हर नागरिक पोषित होगा, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने हर एक शब्द में परिवारों के आर्थिक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य कल्याण की बात कही।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान सहित तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, जम्मु-कश्मीर, मिजोरम, छतीसगढ़, झारखण्ड, महाराष्ट्र आदि राज्यों के विभिन्न जिलों में अटल सेवा केन्द्रों व एनआईसी सेंटर पर पहुंची एएनएम, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनियों के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। उन्होंने एनीमिया मुक्त भारत, होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, मिशन इंद्रधनुष, संपूर्ण टीकाकरण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना सरीखे राष्ट्रव्यापी जन स्वास्थ्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों से आॅनलाइन संवाद किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने नवजात को केवल छह माह तक स्तनपान के लिए माताओं को प्रेरित करने के लिए संचालित माॅं कार्यक्रम की सफलता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने सभी जगह वर्तमान में पोषण माह को त्यौहार के रूप में मनाए जाने पर ख़ुशी जताई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के हिंद स्वराज की संकल्पना को याद करते हुए भारत के डिजिटल इंडिया में विकसित होने की बात पर गर्व जताया।
पोषण माह के अवसर पर प्रधानमंत्री के इस संवाद कार्यक्रम में सूचना एवं प्रोधोगिकी मंत्रालय भारत सरकार के कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी केंद्रों के वीएलईओ द्वारा वेब कास्ट करके जिले के सभी अटल सेवा केंद्रों एवं सीएससी केंद्र पर ग्रामीण क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्मिकों ने भाग लिया।