भरतपुर (राजेन्द्र जती )। जिले में आज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। बहन अपने भाई की कलाइयों पर राखी बंधकर खुद की रक्षा का वचन ले रही हैं। रक्षाबंधन को लेकर भरतपुर के बाजारों में धूम है।

सड़कों पर चहल-पहल बढ़ गई है। रक्षा बंधन पर्व पर बात सिर्फ
राखी या धागे की होती है, लेकिन इस मौके पर भाई के माथे पर तिलक लगाना, मिठाई खिलाना और आरती उतारना भी त्योहार की कुछ महत्वपूर्ण रस्में हैं। इसके लिए बाजार में रक्षाबंधन की थाली भी उपलब्ध है, जिसमें राखी के अलावा तिलक के लिए अक्षत और चावल, सिर पर रखने के लिए कपड़ा, छोटा सा दीपक, कपूर और मुंह मीठा करने के लिए इलायची और मिसरी के पैकेट की खरीदारी रही।
रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए भरतपुर की सबसे बड़ी जेल सेवर में जेल सुप्रिडेंट सुधीर प्रताप ने कैदियों को राखी बांधने के लिए आने वाली
बहनों के लिए जेल परिसर में अच्छे खासे इंतजामात किए गए थे यहां पर काफी संख्या में महिलाएं अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए सेवर जेल पहुंची सुरक्षा की दृष्टि से हर आने वाले सामान को पुलिसकर्मी बारीकी से चैक कर रहे थे।
इसके साथ ही दूर दूर से आने वाली बहनों ने जेल की सलाखों के बाहर
खड़े होकर अपने भाई को राखी बांधी और उसकी लंबी आयु की कामना की राखी भांधते समय कुछ महिलाएं इतनी भावुक हो गई कि वह रोते रोते हुए अपने भाई को राखी बांध रही थी कुछ महिलाओं का कहना था कि भाई को राखी तो बांधी मगर जैसा घर जैसा माहौल नहीं है। कुछ महिलाओं का कहना था कि हम अब अपने भाई को राखी बांधने के लिए नहीं जा सकते इसका उन्होंने बताया कि अब बच्चों की पढ़ाई लिखाई और बदलते समय के कारण भाई को राखी भेजी गई है।
रक्षाबंधन के त्यौहार पर विशेषकर महिलाओं के लिए निशुल्क राजस्थान रोडवेज यात्रा में भारी संख्या में महिलाओं की भीड़ रही इसके लिए राजस्थान रोडवेज की तरफ से स्पेशल बसें भी अलग लगाई गई फिर भी महिलाओं की संख्या को देखते हुए बसें कम रहीं।
हालात तो यह थे कि सुबह के समय बस आते ही महिलाओं की
भीड बस के अंदर सीट पाने को लालायित रहीं। सीट पाने के लिए भी मशक्कत करनी पडी। रोडवेज बस स्टेण्ड पर पानी की सुविधा का अभाव रहने से महिलायें पानी पीने को तरसती रहीं। रोडवेज की ओर से सुरक्षा एवं आवश्यकता के प्रबंध नहीं किये गये। वही भरतपुर शहर के बाजारों में मिठाइयों की दुकानो पर अच्छी खासी भीड़ देखी गई। महिलाओं ने घेवर, फैनी एवं राखियों की जमकर खरीदारी की।