Jodhpur News / Dainik reporter : हजारों किलोमीटर दूर जोधपुर (Jodhpur) आए मेहमान परिंदों ‘कुरजां (Kurjan birds) पर कहर बरप पड़ा।
यहां जिले के फलौदी तहसील के खींचन गांव में 37 कुरजां संदिग्ध हालात में मृत (dead) और तीन घायलावस्था में मिली। जानकारी प्रशासन को मिलने पर हड़कंप मच गया।
ग्रामीण भी एकत्र हो गए। कुरजां की मौत को लेकर प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है।
यूं तो खींचन गांव कुरजां के प्रवास के लिए काफी पसंदीदा और सुरक्षित स्थान है लेकिन गुरुवार सुबह इन पक्षियों के लिए बेदह खतरनाक साबित हुई। दरअसल सुबह जगह-
जगह इन पक्षियों के काल-कवलित होकर पड़े मिले शवों से हर कोई सहम गया। गांव के विजय सागर और रातड़ी नाड़ी तालाब के पास मैदान सहित अलग-अलग स्थानों से
कुरजां के कुल 37 शव मिले तथा 3 कुरजां बीमार मिली। सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीण एकत्र हो गए। बताया गया है कि विजय सागर तालाब के किनारे 15 कुरजां
मृत पड़ी थी। इसके बाद रातड़ी नाड़ी तालाब के मैदान में भी पक्षियों के शव पड़े होने की सूचना मिली। वहां जाकर देखा तो 16 कुरजां मृत मिली। इसके बाद लोर्डियां सड़क मार्ग
पर भी 6 कुरजां मृत मिली। वहीं तीन बीमार मिली। कुरजां की बड़ी संख्या में मौत की वन्यजीव विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। मृत पक्षियों के शवों का
निस्तारण कर दिया गया और बीमार कुरजां का रेस्क्यू सेंटर में डॉ. भागीरथ सोनी की ओर से उपचार किया गया। फिलहाल पक्षियों की मौत के कारणों का पता नहीं चल
पाया है। इन कुरजां की मौत का खुलासा तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही होगा,लेकिन किसी जहरीली वस्तु का सेवन करने से मौत की संभावना जताई जा रही है।
कुरजां एक खूबसूरत पक्षी है जो सर्दियों में साइबेरिया से ब्लैक समुद्र से लेकर मंगोलियासे हिमालय की ऊंचाइयों को पार करता हुआ देश में आता है। सर्दियां हमारे
मैदानों और तालाबों के करीब गुजारने के बाद वापस अपने मूल देश में लौट जाता है। अपने लंबे सफर के दौरान यह पांच से आठ किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ता है।
राजस्थान में हर साल लगभग पचास स्थानों पर कुरजां पक्षी आते हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी संख्या खींचन में ही दिखाई देती है। अभी कुरजां का खींचन गांव में आना शुरू ही हुआ है।