जयपुर
केन्द्र सरकार की ओर से हाल ही में लागू किए सवर्ण आरक्षण को राज्य सरकार लागू करने में बाधाएं उत्पन्न कर रही है। लोकसभा चुनावों में सवर्ण आरक्षण विधेयक का लाभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ना मिल जाए इसलिए सरकार जानबूझकर इसके नियमों में जटिल बना रही है। यह बात पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने गत 31 जनवरी को आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के पिछडो के लिए आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया लेकिन राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन 19 फरवरी को जारी किया। इसके बाद हाल ही में 12 मार्च को जारी गाइडलाइन में कई नियम जानबूझकर जटिल बना दिए ताकि आम आदमी इसका लाभ नहीं ले पाए।
चतुर्वेदी ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जारी नियमों में कुटुम्ब में आश्रित माता और अवयस्क बच्चों के साथ ही भाई और बहन को शामिल किया गया है जबकि केन्द्र के नियमों में भाई बहन शामिल नहीं है। राजस्थान घनी आबादी वाला क्षेत्र है यहां एक परिवार में 7 भाई तक होते हैं अगर उनमें से किसी की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई तो पूरे परिवार को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा विभाग ने नियमों में जाति प्रमाण पत्र फार्म को जटिल बना दिया गया है, केन्द्र के प्रावधान के तहत कलक्टर, एडीएम, एसडीओ, कमिश्नर, तहसीलदार, रेवेन्यू अधिकारी किसी से भी प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है लेकिन प्रदेश में केवल एसडीओ को अधिकृत किया गया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि कांगे्रस सरकार लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी को नुकसान पहुंचाने के लिए आरक्षण में बाधाएं उत्पन्न कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार से इन नियमों को त्वरित कार्रवाई कर हटाने की मांग की।