अलवर
अलवर पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को शातिर बदमाश बताकर उस पर तीन हजार रुपए का ईनाम घोषित करवा दिया बाद में उसे गिरफ्तार भी कर लिया. पूरे मामले का खुलासा होने के बावजूद पीड़ित आज तक न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
जानकारी के अनुसार अलवर जिले के सदर थाना क्षेत्र इलाके में 1 जनवरी 2017 को किथूर गांव में आधा दर्जन बदमाश शरीफ और आरिफ को बंधक बनाकर ट्रेक्टर लूट ले गए थे. पुलिस ने इस मामले में रामगढ़ के महबूब खान को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने बताया कि बड़का गांव निवासी अरसद की गैंग ने इस वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने बड़का गांव में जाकर जांच किए बिना कागजों में दबिश दिखाकर अरसद पुत्र शेरसिंह की जगह ‘अरसद पुत्र मुंडल’ को आरोपी बना दिया. बाद में उसे भगोड़ा बताकर तत्कालीन थानाधिकारी ने एसपी राहुल प्रकाश से अरसद पुत्र मुंडल पर तीन हजार रुपए का ईनाम भी घोषित करवा दिया. अरसद पुत्र शेरसिंह के खिलाफ कई मामले दर्ज बताए जा रहे हैं।
मामले की जानकारी मिलने पर पीड़ित अरसद पुत्र मुंडल ने एसपी राहुल प्रकाश से मिलकर उनको इसकी शिकायत दर्ज भी कराई थी. बकौल अरसद वह करीब 2 साल तक सऊदी अरब में गाड़ी चलाता था. नवंबर 2016 में वह भारत लौटा था. वापस विदेश जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की वजह से वह वहां नहीं जा सका. पिछले 2 साल से वह पुलिस के चक्कर काट रहा है लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है.
इस बीच अलवर पुलिस की स्पेशल टीम ने हाल ही में फरवरी में बड़का गांव में दबिश देकर अरसद पुत्र मुंडल को ईनामी बदमाश बताकर उठा लिया. 3 दिन तक पूछताछ के नाम पर उसे टॉर्चर किया गया. बाद में जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच दोबारा से करवाने की बात कहकर उसे छोड़ दिया.