जयपुर
नाथद्वारा विधायक डॉ. सीपी जोशी बुधवार को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित अन्य दलों के नेता डॉ.जोशी को आसन तक लेकर पहुंचे। उन्होंने प्रोटेम स्पीकर गुलाबचंद कटारिया से अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। अशोक गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए जोशी के नाम का प्रस्ताव किया, जिसका अनुमोदन प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने किया। डिप्टी सीएम सचिन पायलट, राजेन्द्र राठौड़, महादेव सिंह, कान्ति प्रसाद और राजेन्द्रसिंह गुढ़ा ने भी जोशी के नाम का प्रस्ताव किया,जिनका अनुमोदन वसुन्धरा राजे, डॉ. महेश जोशी, बाबूलाल नागर एवं हनुमान बेनीवाल ने किया।
गहलोत ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि आपका 38 साल पुराना सदन से संबंध है। अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से आपने सदन की गरिमा की बढ़ाई है। ये एक नई जिम्मेदारी आपको मिली है और प्रसन्नता है कि सभी पार्टियों ने आपके नाम का प्रस्ताव दिया। आपको पक्ष विपक्ष को डील करना है। निष्पक्ष राय देने में कमिटमेंट रखते है। अध्यक्ष से उम्मीद करते है कि विपक्ष को कोई शिकायत नहीं रहेगी।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि लोकतंत्र के संचालन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आसन की है। आसन से हम इतना ही चाहते हैं कि प्रतिपक्ष के मन की भावना को राजस्थान की 7 करोड़ जनता तक पहुंचाने का कष्ट करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने कहा कि प्रदेश की जनता अपनी अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए सदन के प्रति आशान्वित है।
सदस्यों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए जोशी ने कहा कि वर्ष 1952 से अब तक राज्य विधानसभा में कई ऐसे नियम-कानून बने जिनसे प्रदेश का विकास चरमोत्कर्ष पर पहुंचा है। इन्हीं कानूनों के माध्यम से आज किसान को अपनी जमीन का मालिकाना हक मिलने का सपना साकार हो सका है। आज नौजवानों को हमसे बहुत अपेक्षाएं हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि आप द्वारा सदन में उठाए जाने वाले मुद्दे, वाद-विवाद या बहस के विषय ऐसे होने चाहिए जो राजस्थान के सभी क्षेत्रों में सामने आ रही चुनौतियों का समाधान करें। उन्होंने सभी विधायकों से विधानसभा की गरिमा बनाए रखने का आह्वान किया तथा कहा कि पक्ष तथा प्रतिपक्ष के सभी सदस्य विधानसभा संचालन के नियम ध्यान से पढ़ें जिससे विधानसभा के समय का बेहतर उपयोग करते हुए जनता की बात को बेहतर और प्रभावी तरीके से रख सकें। जोशी ने पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों को आश्वस्त किया कि सभी को अपनी बात कहने का पूर्ण अवसर मिलेगा। उन्होंने नए सदस्यों से नियम 269 का अध्ययन करने की सलाह दी।
विधायक हनुमान बेनीवाल ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की कार्यशैली पर ऐतराज जताते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कहा कि पूरा प्रदेश आसन की तरफ देख रहा है। सबकी इच्छा थी कि जोशी ही अध्यक्ष बनें। आपकी अडिगता और जिद्दीपन हमने देखा है। आप छोटी पार्टियों का ध्यान रखेंगे। पिछली बार कांग्रेस और हम विपक्ष में थे तो हमें बाहर निकाला गया, हमें गुंडा कहा गया। इस पर भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि ये आसन का अपमान हो रहा है।
इस बीच प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस तरह की बातें इस अवसर पर पहले कभी नहीं हुई। हम चुप बैठे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि हम कमजोर हैं। फिर सीएम ने कहा कि इस मौके पर ऐसी बाते नहीं करनी चाहिए।