जयपुर
राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विजय तो दिला दी पर मुख्यमंत्री चुनना उनके लिए उससे भारी पड़ता दिखाई दे रहा हैं। दो दिन से चली आ रही उठापटक और सचिन पायलट व अशोक गहलोत की जिद्द के आगे वे भी शायद खुद को लाचार समझ रहे होंगे। अब देखना यह है कि दोनों को स्टेज पर हाथ मिलवाने वाले राहुल दोनों को खुश कैसे कर पाते हैं।
कांग्रेस ने भले ही सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया लेकिन मुख्यमंत्री पद की घोषणा को लेकर गुरूवार को भी सस्पेंस बरकरार रहा। दिल्ली में गुरूवार को दिनभर की मशक्कत के बाद भी किसी एक का नाम फाइनल नहीं किया जा सका। गुरूवार को एआईसीसी पर्यवेक्षक केसी.वेणुगोपाल ने राहुल गांधी को विधायकों की रायशुमारी की रिपोर्ट सौंपी। उसके बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे और प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक हुई।
राहुल गांधी की सोनिया गांधी और प्रियंका के साथ मिटिंग हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। वहीं अल सुबह दिल्ली गए पायलट और गहलोत की वन टू वन बातचीत हुई। दोनों की बातचीत के बाद दिल्ली से घोषणा की खबर आई लेकिन दोपहर बाद मामला पेचीदा होता गया। दोपहर करीब 3 बजे गहलोत का नाम मीडिया की सुर्खियों में सामने आया लेकिन चार बजे की जाने वाले नाम की घोषणा रोक ली गई। पायलट और गहलोत से देर रात तक समझाईश की जाती रहीं।
पायलट ने घोषणा नहीं होने तक दिल्ली में रहने का निर्णय किया वहीं गहलोत जयपुर आने लगे तो उन्हें दिल्ली में रोक लिया गया। एयरपोर्ट पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है और जल्द सीएम की घोषणा होगी।
राहुल की पंसद पायलट,गहलोत के पक्ष में सोनिया-प्रियंका
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहते है लेकिन दूसरे बड़े नेता सन्निकट लोकसभा चुनाव को लेकर गहलोत को सीएम बनाने के दबाव में है। चर्चा है कि गहलोत लॉबी ने प्रियंका और सोनिया से दखल देने का अनुरोध किया जिस पर उन्होंने राहुल से बातचीत की। बातचीत में राहुल ने सचिन की पांच साल की मेहनत और 21 से पार्टी को 100 तक पहुंचाने की बात कहीं वहीं सोनिया ने लोकसभा चुनाव को ध्यान रखने पर जोर दिया। लेकिन मंत्रणा में कोई हल नहीं निकला। उलटा टकराव जैसी स्थिति रहीं। बताया यह भी जा रहा है कि एक बारगी गहलोत का नाम फाइनल किए जाने की चर्चा आई उसके बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और पायलट के ससुर फारूख अब्दुल्ला ने सोनिया गांधी से बात कर सचिन की पैरवी की है। उसके बाद देर रात तक मंत्रणा चलती रही।
दिनभर जनमानस में एक ही सवाल उठता रहा कि कौन बन रहा है सीएम? आम आदमी से लेकर ब्यूरोक्रेट हो या फिर कांग्रेस व अन्य पार्टियों के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता। हर कोई एक ही सवाल उठाते रहे कि किसकी घोषणा हुई। गुरूवार को लोगों के टेलीफोन पर घंटी बजते ही यह सवाल आम रहा।
गहलोत के घर विधायक पहुंचे
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिविल लाईन्स स्थित आवास पर विधायक विश्वेन्द्र सिंह, महेन्द्र चौधरी, निर्दलीय रामकेश मीना सहित कई विधायक और बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे। समर्थकों को जमावड़ा सुबह से ही लगने लगा जो देर रात तक जारी रहा। दोपहर 3 बजे गहलोत को सीएम बनाए जाने की चर्चा पर समर्थकों की संख्या एकाएक बढ़ गई। आतिशबाजी और ढ़ोल नगाड़े बजने लगे। समर्थकों में जबरदस्त उत्साह रहा।
पीसीसी और जालूपुरा में पायलट समर्थक जमा
पीसीसी और जालुपूरा स्थित पायलट के आवास पर बड़ी संख्या में समर्थक जमा हो गए। दोपहर बाद संख्या बढ़ गई। पीसीसी के बाहर दोनों तरफ बैरिकेट्स लगा दिए। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के जवात तैनात कर दिए गए। किसी प्रकार को कोई विवाद या प्रदर्शन नहीं हो इसके लिए पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा।
एयरपोर्ट पर दोनों गुट जमे
सीएम की घोषणा किसी भी वक्त होने और दोपहर बाद जयपुर पहुंचने की खबर लगने पर एयरपोर्ट पर दोनों के समर्थक पहुंच गए। दोनों तरफ से अपने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी करने लगे। झगड़ा न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया।