भरतपुर (राजेंद्र जती)। भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण आंदोलन चेतावनी के मामले को आज आज जयपुर में सरकार के साथ जाट प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के बाद एक अहम निर्णय सामने आया है जिसमें जाटों ने सरकार के मंत्री अरुण चतुर्वेदी साथ शुरू किया वार्ता के बाद 10 दिन तक आंदोलन को स्थगित कर दिया है लेकिन साथ ही चेतावनी दी है कि अगर 10 दिन के अंदर उनके मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन जरूर हालांकि जानकारी के मुताबिक 15 अक्टूबर से आचार संहिता भी लग रहा है लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि आचार संहिता हो तब भी उनके आंदोलन जरूर हो सकता है।
डीग कुम्ल से विधायक और जाट नेता विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि बातचीत कर रहे हैं कि 8 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भरतपुर धौलपुर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नाम सिंह फौजदार के नेतृत्व में सरकार के साथ वार्ता करने जा रहा था तीन बिंदुओं पर सरकार के साथ हुआ वार्ता में सहमति बनी है जो काफी हद तक अच्छा है। 2016 2016 और 17 में जाट आरक्षण आंदोलन के अंदर दर्ज मुकदमों में जो जांच पुलिस े पास लंबित है। जयपुर वार्ता में यह नेता शामिल थे नेमसिंह फौजदार इंद्रजीत भारद्वाज कुलदीप सौरभ धाऊ अतुल मित्तल सीए गंगाराम पाराशर महेंद्रसिंह जाटव के नाम भी जोड़ लेना ये वार्ता में शामिल रहे।
उसमें भरतपुर पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि वह एक समय में समय की जांच कर अग्रिम कार्रवाई करें और दूसरी कक्षा 2013 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देना के मामले में कांका से सेकाल में कर रहे हैं पहलू पहने सोमवार तक निष्कर्ष बताने का प्रयास किया गया इसके अलावा तीसरे बिंदु के केंद्र में इन जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण देने के संबंध में संयोजक नाम सिंह फौजदार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को ज्ञापन और उसकी प्रतिलिपि राज्य सरकार को प्रेषित किया गया और इसके आधार पर राज्य सरकार तत्काल कार्रवाई कर रहा है एनसीबीसी को पत्र प्रेषित किया गया।
सिंह ने कहा कि आचार संहिता 15 15 बाद में लगगी लेकिन उनको उम्मीद है कि सरकार उन्हें मांगें 10 दिन के भीतर पूर्ण करेगी अगर मांग पूरी नहीं हुई तो आचार संहिता हो या ना हो जाट समाज आंदोलन शुरू कर |