जोधपुर। भ्रष्टाचार निवारण की विशिष्ट न्यायालय के न्यायाधीश अजयकुमार शर्मा ने गुरूवार को में निलम्बित जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
मीणा की ओर उनके पति पवनकुमार मित्तल ने कोर्ट में बहस की। सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक एनके सांखला ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मीणा पर करोडो़ं रुपये के घोटाले के गम्भीर आरोप हैं।
इसी मामले के एक अन्य आरोपी सुरेश उपाध्याय की जमानत भी कोर्ट ने खारिज कर दी। वकीलों की हड़ताल के चलते आरोपी सुरेश की ओर से उनके पुत्र ने जमानत पर बहस की। सुरेश उपाध्याय एक आटा मिल का मालिक हैं ,आरोप हैं कि इसी को मीणा ने राशन का गेहूं दिया था तथा सुरेश ने इसके बदले निर्मला को करोडो़ं रुपये का अवैध भुगतान किया था।
गौरतलब है कि जिला रसद विभाग में करीब आठ करोड़ रुपए के गेहूं के घोटाले में मुख्य आरोपी निलम्बित आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा ने गिरफ्तारी से बचने के सभी रास्ते बंद होने के बाद आखिरकार 16 मई को एसीबी के समक्ष सरेंडर कर दिया था। उसके बाद इसी कोर्ट ने मीणा को सात दिन का रिमांड दिया था।
जिला एवं सत्र न्यायालय के समकक्ष भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में नियमित जमानत खारिज होने के बाद मीणा का अगला कदम हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाना होगा। हालांकि वकीलों की हड़ताल के चलते निर्मला मीणा जल्दी नहीं करेगी।