चूरू । नगरपरिषद में सफाईकर्मी की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं ने भी आवेदन किया है. इनमें कई तो लॉ ग्रेजुएट तक हैं.इसे बेरोजगारी का आलम कहें या फिर सरकारी नौकरी का मोह. चूरू में बीए, एमए ही नहीं बल्कि लॉ ग्रेजुएट तक भी अब झाड़ू लगाने के लिए तैयार हैं. यहां राज्य सरकार द्वारा नगरपरिषद में सफाईकर्मी की भर्ती के लिए ऐसे बेरोजगारों की भी फौज दौड़ पड़ी है, जो अपना लक्ष्य केवल और केवल सरकारी नौकरी को बना चुके हैं.चूरू नगरपरिषद में 59 पदों के लिए अब तक एक हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं और अभी भी युवा कतार में खड़े हैं. चूरू नगरपरिषद को ऐसे सैकड़ों आवेदन मिले हैं, जिनकी शैक्षिणक योग्यता उच्च स्तरीय है. जबकि भर्ती में योग्यता साक्षर ही रखी गयी है. इतना ही नहीं इंजीनियरिंग और बीएड की योग्यता रखने वाले भी सफाईकर्मी बनने की लाइन में देखे गये. इन लोगों का कहना है कि जब स्नातक करने के बाद भी सरकारी नौकरी का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है तो आखिर में सड़क पर झाड़ू लगाने से ही दो पैसा मिलने लगे तो क्या हर्ज है.हालांकि सफाई कर्मचारी बनने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन समस्या भी यहीं से शुरू होती है. चयन के बाद कुछ लोग खुद काम नहीं करते और गलत रास्ता निकालते हुए ये सफाईकर्मी सरकार से वेतन तो खुद लेते थे, लेकिन काम के लिए 2 हजार रुपये में किराये का सफाईकर्मी नौकरी पर रख लेते हैं.